हमने की थी आसमान को धरती बनाने की कल्पना, नांदा हैं वो लोग, जो हमारी कामयाबियों से। हमने की थी आसमान को धरती बनाने की कल्पना, नांदा हैं वो लोग, जो हमारी कामयाबि...
अब कहो, ये कुदरत का करिश्मा या दिल की नादानियाँ। अब कहो, ये कुदरत का करिश्मा या दिल की नादानियाँ।
तुम्हारी मीठी-मीठी बातों में, मैं फिसल गया ! तुम्हारी मीठी-मीठी बातों में, मैं फिसल गया !
कुदरत के करशिमे भी चित्रित करती है गीत, ग़ज़ल और नग्मे भी लिखा करती है। कुदरत के करशिमे भी चित्रित करती है गीत, ग़ज़ल और नग्मे भी लिखा करती है।
सौ-सौ सजदा इसको यह माँ है… यह जो माँ है ! सौ-सौ सजदा इसको यह माँ है… यह जो माँ है !
फैली जब आतिशे जिगर हर लम्हा बहकता गया। फैली जब आतिशे जिगर हर लम्हा बहकता गया।